
राचीं:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश आत्म निर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।इस क्रम को आगे बढ़ा रही हैं राजधानी रांची के बरियातू की दीपाली और उनके सहयोगियों की टीम। बांस से हस्तशिल्प के अनूठे सामान तैयार किया जा रहा है। इससे स्थानीय महिलाओं का जीवन बदल रहा है।
बांस के लैंप शेड, लेडिज पर्स, शो पीस, बरतन और पर्दे भी। जी हां ये महिलाएं बांस से यह सब सामान तैयार कर रही है। अकली देवी बताती हैं कि घर का काम खत्म कर वह हस्तशिल्प के इस काम मे जुटती है। कम समय दे पाने के बावजूद अपनी कमाई से वह संतुष्ट है।
संजीता बताती है कि इस काम से मिलनेवाले पैसे उन्हें गर्व महसूस कराते हैं। वही मीना कहती है कि इसके जरिए वह आत्मनिर्भर बन रही है।
हस्तशिल्प केन्द्र की संचालिका दीपाली बनर्जी बताती है कि बांस के इन कलाकृतियों की मांग काफी है। वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करती हैं।
सांसद संजय सेठ इनके काम को सराह चुके हैं। बीते दिनों सांसद ने स्वंय यहां का निरीक्षण किया था। बांस की यह कलाकृतियां ना सिर्फ इन महिलाओं को आर्थिक आजादी दिला रही है बल्कि देश को भी आत्मनिर्भर बना रही है।
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