
इस 72वें गणतंत्र दिवस पर, ‘भाबी जी घर पर हैं‘ एक मनोरंजक कहानी लेकर आ रहा है, जिसे देशभक्ति की थीम के इर्दगिर्द बुना गया है। इस कहानी में हमारी प्यारी अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) जब अपने दिवंगत दादाजी की एक पुरानी डायरी देखती हैं, तब स्वतंत्रता से पूर्व की स्थिति काफी मजबूती से उनके दिमाग पर छा जाती है। उनके दादाजी एक साहसी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। अंगूरी अपने दादाजी के काम से इतनी प्रभावित हो जाती हैं कि उन्हें हर कहीं वही दिखाई देने लगते हैं और माॅडर्न काॅलोनी में काफी हलचल मच जाती है! इसके अलावा दर्शक आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा) और योगेश त्रिपाठी (हप्पू सिंह) को पहले कभी न देखे गये अंग्रेज अवतार में देखकर खूब हंसने वाले हैं। आसिफ, जनरल लारा बन जाएंगे और हप्पू एक अंग्रेज अफसर बनेंगे।
इस दिलचस्प कहानी के बारे में अंगूरी भाबी की भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘अंगूरी को लगता है कि उसके दादाजी उससे मिलने आए हैं और उससे बात कर रहे हैं, जिससे वह बहुत भावुक हो जाती है, जबकि हप्पू (योगेश त्रिपाठी) विभूति (आसिफ शेख) को गिरफ्तार करने की कोशिश करता है, क्योंकि उसे लगता है कि विभूति ने उसे मारा है। विभूति इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए कहता है कि वह अंगूरी के साथ था। लेकिन विभूति का प्लान फेल हो जाता है, जब वह गवाही देने के लिये अंगूरी को बुलाता है। दादाजी, जिन्हें अंगूरी हैलुसिनेशन की वजह से देखती है,, उसे बताते हैं कि विभूति और हप्पू वे अंग्रेज हैं, जिन्होंने अतीत में उनके दोस्तों को सताया था। यह सुनकर वह विभूति की मदद नहीं करने और उनसे दूर रहने का फैसला करती है।’’
विभूति नारायण मिश्रा का किरदार अदा कर रहे आसिफ शेख ने कहा, ‘‘अंगूरी भाबी का अजीब बर्ताव देखकर विभूति और तिवारी एक डाॅक्टर से सलाह लेते हैं और उन्हें पता चलता है कि अंगूरी को कोई केमिकल प्राॅब्लम है! यह एक मजेदार कहानी है और हमें उस समय की याद दिलाती है, जब कई भारतीय स्वतंत्रता पाने के लिये मजबूती से खड़े थे, जिस कारण भारत एक लोकतांत्रिक देश बन सका।’’