पटना:- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी- लेननिवादी (भाकपा-माले) ने बिहार विधानसभा की समितियों के गठन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का घोर उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया और कहा कि इस दौरान पार्टी विधायक दल से न तो राय ली गई और न ही कोई बातचीत की गई।
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बुधवार को यहां कहा, “बिहार विधानसभा की समितियों के गठन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का घोर उल्लंघन किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष के ‘विवेक के अधिकारों’ के नाम पर न तो हमारी पार्टी से कोई राय ली गई और न ही हमारे विधायक दल से कोई बातचीत हुई। अपने मन से विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय समितियों के पदाधिकारियों और कमेटियों की घोषणा कर दी। श्री कुणाल ने कहा कि स्वविवेक आधारित फैसले के नाम पर लोकतंत्र में कटौती कहीं से भी जायज नहीं है। संसदीय प्रक्रिया में बातचीत और विमर्श की प्रक्रिया के आधार पर ही कोई फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आगे से इसका ख्याल रखा जाएगा।
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