नयी दिल्ली:- राजस्थान में पोटाश की खुदाई के लिए व्यावहारिकता अध्ययन करने को लेकर राजस्थान सरकार के खदान एवं भूसर्वेक्षण विभाग, राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड तथा मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) के बीच तीन पक्षीय समझौता हुआ है।
इस समझाैते पर टिप्पणी करते हुए कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि इस एमओयू से सॉल्यूशन माइनिंग के जरिये पोटाश की खुदाई की व्यावहारिकता जानने के लिए अध्ययन का रास्ता खुलेगा। इस एमओयू के जरिये राजस्थान जो खनिज संपदा से भरपूर है, उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा यह देश का पहला पोटाश की खुदाई का केंद्र होगा।
श्री जोशी एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर वर्चुअल रूप से उपस्थित थे। उनके अलावा भारी उद्योग मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उपस्थित रहे।
एमईसीएल की परियोजना में एक अंतराष्ट्रीय परामर्शदाता के रूप में प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम करेगा।
राजस्थान के नागौर और गंगानगर नदी घाटी के 50 हजार किलोमीटर के क्षेत्र में पोटाश और हैलाइट यानी रॉक सॉल्ट पाया जाता है।
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