रांची:- किसान को बर्बाद करने वाले तीन कृषि कानून, मजदूरों को गुलाम बनाने वाले चार लेबर कोड और देश की संपदा का निजीकरण करने की मोदी सरकार की राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित आज का भारत बंद झारखंड मे भी असरदार रहा। इस बंद का समर्थन 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के अलावा विभिन्न मजदूर फेडरेशनो समेत कर्मचारियों के एशोसियेशनो ने भी किया.
झारखंड मे 34 जगह राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाइवे) पर किसानों ने धरना देकर आवागमन ठप्प कर दिया. लंबी दुरी की यात्री बसें डिपो मे ही खड़ी रहीं और उनका परिचालन पुरी तरह बंद रहा. लगभग सभी जिलों मे किसानो और मजदूरों ने संयुक्त रुप से जुलूस निकाला और मेहनतकश विरोधी इन कानूनों को अविलंब वापस लिए जाने की मांग की.संतालपरगना प्रमंडल के साहेबगंज, दुमका, जामताड़ा, गोड्डा कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, पलामू प्रमंडल के डाल्टगंज और लातेहार उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के धनबाद, बोकारो, कोडरमा, लोहरदगा, गुमला और राजधानी रांची मे बंद के समर्थन मे किसानो और मजदूरों ने संयुक्त जुलुस निकाला और आम लोगों से बंद को सफल बनाए जाने की अपील की।
संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच की झारखण्ड इकाई ने राज्य मे कोविड के मामले मे हो रही वद्धि को देखते हुए अपने सभी संबद्ध युनियनों को पूर्व मे ही यह निर्देश दे दिया था कि बंद के दौरान आयोजित कार्यक्रम मे स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए एवं मास्क का इस्तेमाल करते हुए शारीरिक दुरी बनाए रखा जाए. ट्रेड युनियनों का संयुक्त मंच बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने के लिए झारखंड की मेहनतकश जनता और आम नागरिकों को बधाई देता है.
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