
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश विधानमंडल में गुरुवार को इतिहास रचा गया जब मानसून सत्र का आज चौथा दिन पूरी तरह से नारी शक्ति को समर्पित करते हुए दोनों सदनों में महिला सदस्यों ने प्रखरता के साथ अपने अपने मुद्दों को रखा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना की पहल पर मानसून सत्र के चौथा दिन की पूरी कार्यवाही महिलाओं के लिये आरक्षित रखी गयी थी। गुरुवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर महाना ने बैठक शुरु करने की औपचारिका पूरी कर सदन के संचालन की जिम्मेदारी तीन महिला विधायकों सपा की सैय्यदा खातून एवं डा मंजू श्रीवास और भाजपा की अनुपमा जयसवाल के हवाले कर दी। इसके बाद तीनों महिला विधायकों ने दिन भर सदन की कार्यवाही का सफल संचालन किया।
इससे पहले अपने संक्षिप्त उद्बोधन में महाना ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब सदन के सत्र में पूरा दिन महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है। आज की कार्यवाही नारी सशक्तिकरण के लिए समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी इस पहल का नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष दोनों ने समर्थन किया है। महाना ने कहा कि 18वीं विधान सभा नित नए आयाम स्थापित करती जा रही है। महिलाएं कैसे आगे बढ़ें यह जानने के लिए ये उचित अवसर है। आज की सदन की कार्यवाही का संदेश पूरे देश में जाना चाहिए।
इस मौके पर नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश के सबसे बडे विधानमंडल दल ने नया इतिहास बनाया है। योगी ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद आधी आबादी की आवाज 25 करोड जनता तक जायेगी। उन्होंने पिछले साढ़े पांच साल के कार्यकाल में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं और उनके लिए किए गए कार्यो का सिलसिलेवार उल्लेख किया गया।
उन्होंने कहा कि महिला उत्थान की दिशा में सरकार ने अपने संकल्प पत्र में जो भी वादे किए उनको पूरा किया। उन्होंने कहा कि उप्र में पुलिस में महिलाकर्मियों की संख्या को 10 हजार से बढाकर 35 हजार किया गया। इसके अलावा एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कर महिला अपराधों को रोका गया। सरकार की इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि महिला अपराधों में कमी आई साथ ही भ्रूण हत्याओं पर अंकुश लग पाया। इसके अलावा निराश्रित विधवा महिलाओं के संरक्षण की दिशा में सरकार की जो योजनाएं संचालित है उनका लाभ बडी संख्या में महिलाओं को मिल रहा है। इसी के साथ मुख्ष्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभाध्यक्ष को सुझाव दिया कि आज की सदन की कार्यवाही में नियमों का शिथिल करते हुए सदन के संचालन का दायित्व किसी महिला सदस्य को ही सौंपा जाए।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष महाना की प्रशंसा करते हुए कहा, “जब से आप इस पीठ पर आसीन हुए है, तब से सदन में काफी बदलाव आये हैं। सदस्यों काे टैबलेट के साथ सदन में बैठने की सुविधा से लेकर लाॅबी में चाय काफी की व्यवस्था करने तक तमाम सहूलियतें शामिल हैं।”
उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर अब तक देश के नवनिर्माण में महिलाओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं के इतने मुद्दे हैं कि उन्हे सत्र के एक दिन की कार्यवाही में खत्म नहीं कर सकते है। उन्होनें कहा कि सरकार के दावों के बावजूद महिला अपराधों में कमी नहीं आ रही है। अखिलेश ने मुरादाबाद में महिला उत्पीड़न की एक घटना का भी उल्लेख किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने सपा सरकार में सबसे ज्यादा छात्राओं को लैपटाप बांटे। उन्होनें सरकार को सुझाव दिया कि पुलिस में महिलाओं की पृथक इकाई का गठन किया जाए।