
बोर्ड कर रहा नए परीक्षण पर विचार
गति-स्टेमिना नापना मुख्य मकसद
बड़े खिलाड़ियों के लिए टेस्ट और कड़ा
अभी सौरव गांगुली की मुहर लगना शेष
नई दिल्ली:- भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर को बढ़ाने के लिए पहले ‘यो-यो’ टेस्ट को अनिवार्य किया था। अब बीसीसीआई एक और परीक्षण लाने जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक टीम में जगह बनाने के लिए दो किलोमीटर की दूरी में टाइम ट्रायल होगा जो गति और स्टेमिना का मापक होगा। नया टेस्ट यो-यो टेस्ट का विकल्प नहीं होगा बल्कि एक और टेस्ट के रूप में होगा जिसे खिलाड़ियों के लिए क्लियर करना अनिवार्य होगा।
बड़े खिलाड़ियों के लिए टेस्ट और कड़ा
तेज गेंदबाजों के लिए बेंचमार्क 8 मिनट और 15 सेकेंड होगा जबकि स्पिनरों और विकेटकीपरों के लिए यह 8 मिनट 30 सेकेंड होगा। रिपोर्टों के अनुसार बीसीसीआई का यह मानना है कि मौजूदा फिटनेस स्तर ने खिलाड़ियों की क्षमता बढ़ाने में बड़ी मदद की है। टाइम ट्रायल से और मदद मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड हर साल खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर को बेहतर करने का प्रयास करेगा। दिग्गज खिलाड़ियों कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या आदि को नया टेस्ट इससे भी कम समय (8 मिनट 6 सेकंड) में पूरा करने को कहा जाएगा। यो-यो टेस्ट के लिए न्यूनतम स्कोर 17.1 ही बना रहेगा।
दादा की मुहर लगनी बाकी
माना जा रहा है कि बीसीसीआई से अनुबंधित सभी खिलाड़ियों को इस बाबत बता दिया गया है। टेस्ट पास करने का जो मानक बनाया गया है, उसे अभी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की अनुमति मिलना बाकी है। यह टेस्ट फरवरी, जून या अगस्त/सितंबर में हो सकता है, जो खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज का हिस्सा थे उन्हें फरवरी में इस टेस्ट से छूट मिलने की संभावना है लेकिन जो खिलाड़ी वन-डे सीरीज में रहे थे, उन्हें क्लियर करना होगा। हालांकि कई खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट भी मुश्किल होता है। टाइम ट्रायल में भी खिलाड़ियों को मुश्किलें आ सकती हैं।
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