
एक अनोखा गुरुभजन
किशनगंज:- तालिबाज़ी नहीं है शिव की शिष्यता। शिव शिष्यता एक दर्द है,एक एहसास है,एक रिश्ता है अपने गुरु शिव से शिष्य का। वरेण्य गुरुभ्राता श्री हरीन्द्रानंद जी के दिल की अतल गहराइयों से निकली हुई आवाज़ है-“आओ चलें शिव की ओर…!!”
वरेण्य गुरुभ्रता श्री हरीन्द्रानन्द जी के इस आध्यात्मिक प्रतिबद्धता को संगीत के सुरों के साथ शब्दबद्ध प्रवाह में पिरोने का एक छोटा सा प्रयास किया है, कुमार आलोक ने, जिसे मनोज लाहिरी ने संगीत से सजाया और सँवारा है। तथा वीडियो ग्राफिक्स देव राज का है।कुमार आलोक ने ही सीमा राउत के साथ इसे आवाज़ दी है और इसे देव स्टुडियो में तैयार किया गया है।
इस गीतमय भजन का उद्देश्य कदाचित मनोरंजन न होकर एक मात्र उद्देश्य है कि आपका भी मन उस महागुरु की दिशा में अग्रसर हो,उन्नमुख हो जाये,आपका मन किंचित भी आंदोलित,आवेशित हो सके।
गीत के हर बोल, हर शब्द में एक कशिश है जो मन को बांधती है, ठहराती है गुरु शिव के स्वरूप पर। एक आध्यात्मिक जागरण का मूक संदेश देते है। मानो चुम्बकीय आकर्षण की तरह बलात खिंच लेती है शिव गुरु की दिशा में।
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