
रिम्स मेडिकल बोर्ड के फैसले के बाद जेल मैनुअल के तहत दिल्ली ले जाने का फैसला लिया गया
रांची:- 16 गंभीर बीमारियों से ग्रसित आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की तबीयत बिगड़ने के बाद शनिवार को रांची से एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स ले जाया गया। इससे पहले रिम्स प्रशासन द्वारा गठित आठ सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजने की सलाह दी। जिसके बाद तत्काल जेल मैनुअल के तहत लालू प्रसाद को दिल्ली ले जाने को लेकर सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी की गयी। इस तैयारी के सिलसिले में आरजेडी नेता तेजस्वी प्रताप और तेजप्रताप यादव ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस मौके पर हेमंत सोरेन सरकार में शामिल आरजेडी कोटे से शामिल एकमात्र मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कृषिमंत्री बादल भी मौजूद थे।
मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के बाद तत्काल सारी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर लालू प्रसाद शाम करीब पांच बजे रिम्स के पेइंग वार्ड से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। पेइंग वार्ड से बाहर निकलने के क्रम में लालू प्रसाद के साथ बेटी मीसा उनके साथ थी, वहीं व्हील चेयर पर बैठे लालू प्रसाद काफी कमजोर दिख रहे थे और चेहरे पर मायूसी के साथ तनाव भी व्यक्त था। इससे पहले कुछ ही मिनटों पर पहले राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव पेइंग वार्ड से बाहर निकले।
लालू प्रसाद के साथ उनकी धर्मपत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती के भी दिल्ली जाने की सूचना है। इसके अलावा मेडिकल टीम के सदस्य भी दिल्ली गये है
लालू प्रसाद की तबीयत बिगड़ने के बाद शुक्रवार को अलग-अलग जांच करायी गयी थी,उसमें इको कार्डियोग्राफ, एक्स-रे, न्यूमोनिक, कोविड, ब्लड, यूएसजी केयूबीपी और एचआरसीटी शामिल है। इसमें निमोनिया के अलावा सारी रिपोर्ट सामान्य आयी थी, लेकिन एचआरसीटी और केयूबीपी में फेफड़ों में संक्रमण का पता चला है।
29 महीनों से रिम्स में इलाज करवा रहे हैं लालू
लालू प्रसाद करीब ढ़ाई साल से रांची के रिम्स में इलाजरत है। उन्हें 29 अगस्त 2018 को पहली बार कार्डियोलॉजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया था, वहां कुत्तों की आवाज से परेशान होकर 5 सितंबर 2019 को उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद 5 अगस्त 2020 को लालू प्रसाद को कोविड संक्रमण के डर से रिम्स डायरेक्टर के खाली पड़े बंगले में शिफ्ट किया गया। इसके बाद दिसंबर में उन्हें दोबारा बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
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