
नयी दिल्ली:- सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने बीआरएच वेल्थ क्रिएटर्स मामले में एचडीएफसी बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बैंक को ये जुर्माना एक महीने 15 दिन के भीतर भरना होगा। दरअसल, एचडीएफसी बैंक ने सेबी के एक अंतरिम आदेश को दरकिनार कर बीआरएच वेल्थ क्रिएटर्स के गिरवी रखे कुछ शेयर बेच दिए। सेबी ने निर्देश दिया है कि जब तक मामले में फैसला नहीं आ जाता, तब तक एचडीएफसी बैंक एस्क्रो खाते में 158.68 करोड़ रुपए और 7 फीसदी सालाना की दर से ब्याज जमा करे।
एचडीएफसी बैंक ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के 7 अक्टूबर 2019 को दिए अंतरिम आदेश के उलट बीआरएच से बकाया कर्ज वसूलने के लिए उसके गिरवी शेयरों को बेच दिया था। अंतरिम आदेश के जरिए सेबी ने बीआरएच को सिक्योरिटीज मार्केट में किसी भी तरह की गतिविधि बंद करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि आगे चलकर इसके एसेट्स को केवल पैसों के भुगतान या सिक्योरिटीज की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। निर्देश में एसेट्स का मतलब बीआरएच की सभी संपत्तियों से था, जिनमें सिक्योरिटीज भी शामिल हैं। बीआरएच ने ये सिक्योरिटीज गिरवीं रखकर एचडीएफसी बैंक समेत कई वित्तीय संस्थानों से कर्ज लिया था।
सेबी ने बीआरएच के अकाउंट्स से डेबिट करने पर लगाई थी रोक
सेबी ने बैंकों को निर्देश दिया था कि बीआरएच के डीमैट अकाउंट्स और बैंक अकाउंट्स से डेबिट नहीं किया जाए। सेबी ने पाया कि एचडीएफसी बैंक ने 14 अक्टूबर 2019 को बीआरएच की गिरवीं रखी सिक्योरिटीज को बेचकर 158.68 करोड़ रुपए जुटाए। इसके बाद ज्यादातर सिक्योरिटीज को अपना बकाया वसूलने के लिए बेच दिया।
बता दें कि एचडीएफसी बैंक ने बीआरएच को 191.16 करोड़ और बीआरएच कमोडिटीज को 26.61 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। सेबी ने कहा कि उसका अंतरिम आदेश वसूली के अधिकार का अंतिम निर्धारण नहीं था, बल्कि इसका मकसद जांच या फॉरेंसिक ऑडिट पूरा होने तक बीआरएच के एसेट्स की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाना था।
More Stories
आसान नहीं था सकारिया का IPL तक का सफर, सहवाग ने शेयर की रूला देने वाली स्टोरी
नवीन अग्रवाल की जगह नाडा के महानिदेशक बनेंगे सिद्धार्थ लोंगजाम
इंद्रप्रस्थ अपोलो-सर गंगाराम अस्पताल सहित 14 अस्पताल कोविड अस्पताल घोषित