
दिल्ली, 4 मई, 2020: देश की महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), वित्त वर्ष 2019-20 में इस्पात उत्पादन के लिए ज़रूरी (इनपुट) खनिजों की सबसे अधिक खनन करने वाली कंपनी के रूप में उभरी है, हालांकि कोल इंडिया लिमिटेड अभी भी देश की सबसे बड़ी खनन कंपनी है। सेल अपनी आंतरिक जरूरतों के लिए लौह अयस्क, फ्लक्स (चूना और डोलोमाइट), कोकिंग कोल और गैर-कोकिंग कोयले का खनन करता है और वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भारत में कोल इंडिया लिमिटेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा खनिज उत्पादक हो गया है। एकीकृत इस्पात संयंत्रों में स्टील उत्पादन के लिए लौह अयस्क, फ्लक्स और कोयला अनिवार्य रूप से आवश्यक होता है। सेल ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इन खनिजों का 324.06 लाख टन उत्पादन किया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 4% अधिक है। उल्लेखनीय है कि सेल ने वित्त वर्ष 2019-20 देश का सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक बनने की भी उपलब्धि हासिल की है।
यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि सेल लौह अयस्क की अपनी पूरी ज़रूरत निजी खदानों से पूरी करता है। सेल कोयले की अपनी ज़रूरत को अपने निजी खदानों के साथ-साथ आयात और दूसरे घरेलू स्रोतों के माध्यम से पूरी करता है। इसी तरह से फ्लक्स की आवश्यकता का कुछ हिस्सा निजी स्रोतों से और कुछ हिस्सा आयात और अन्य घरेलू स्रोतों के माध्यम से पूरा करता है। सेल की खानों का प्रबंधन कंपनी के रॉ मटीरियल डिवीजन द्वारा किया जा रहा है।
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