कौशांबी:- उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के ऐतिहासिक दशहरा मेला दारानगर में विजयदशमी के अवसर पर राम रावण की सेना के बीच होने वाले सजीव युद्ध की तैयारी की जा रही है।
मुगल शासक दारा शिकोह द्वारा बसाये गये दारानगर कस्बे की ऐतिहासिक रामलीला 200 वर्ष से अधिक पुरानी है। यहां की रामलीला अपनी मौलिकता एवं दशहरा मेला के अवसर पर राम रावण सेना के बीच होने वाले कुप्पी युद्ध की ख्याति पूरे देश में है। इसमें विजयदशमी एवं एकादशी के दिन कुप्पी युद्ध का आयोजन किया जाता है।
राम रावण सेना के बीच सजीव युद्ध को देखने के लिए आसपास के जिलों के अलावा देश के दूरस्थ भागों से भी लोग इस लीला का मंचन देखने यहां आते हैं। रावण मैदान में वल्लियो के सहारे बैरिकेडिंग कर युद्ध भूमि को सुरक्षित किया जाता है। विजयदशमी के दिन राम रावण की सेनाएं आमने सामने होती हैं। राम दल के सैनिक भगवा वेश धारी एवं रावण दल के योद्धा काले रंग की पोशाक में रहते हैं।
शस्त्र के रूप में घड़े की आकार की बनी प्लास्टिक की कुप्पी होती है। संचालक मंडल द्वारा सीटी बजाने पर दोनों की सेना एक दूसरे पर टूट पड़ती है। एक दूसरे के ऊपर कुप्पी फेंक कर मारते हैं और घमासान युद्ध करते हैं। पुनः सीटी बजाने पर युद्ध बंद हो जाता है। पहले दिन चार लड़ाई और एकादशी के दिन तीन लड़ाई होती हैं।
कुप्पी युद्ध में आसुरी शक्तियां भारी पड़ती हैं, लेकिन जीत राम की सेना की ही होती है। इस धर्म युद्ध में दोनों दल की सेना ना तो मल्लयुद्ध कर सकती हैं नहीं डंडा और गदा का प्रयोग कर सकती हैं ।युद्ध भूमि की खासियत है लड़ाई में घायल होने वाले सैनिक किसी पर प्रकार का कोई इलाज नहीं कराते है। युद्ध भूमि की मिट्टी घांव में लगाकर स्वस्थ हो जाते हैं ।इसआकर्षक युद्ध को देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

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