सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
रांची:- राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कोरोना टीकाकरण के दौरान अन्य महत्वपूर्ण समूहों के साथ- साथ सार्वजनिक परिवहन सेवा से जुड़े कर्मियों को भी प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। श्री पोद्दार ने इस आशय का पत्र भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन को लिखा है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन सेवा से जुड़े कर्मचारी प्रतिदिन अनेक लोगों के सम्पर्क में आते हैं और अगर उन्हें शुरुआत में ही टीकाकरण का हिस्सा नहीं बनाया गया तो वे “कोरोना स्प्रेडर” साबित हो सकते हैं और टीकाकरण के मूल उद्देश्य को प्रतिकूलतः प्रभावित कर सकते हैं।
श्री पोद्दार ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन के अनुमोदन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और भारत सरकार ने देश की बड़ी आबादी के टीकाकरण का रोड मैप बनाना शुरू कर दिया है। टीकाकरण में कोरोना वारियर्स, चिकित्सकों, नर्सेज, पारा मेडिकल स्टाफ, गंभीर मरीजों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों, बुजुर्गों आदि को प्राथमिकता देने का निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन यदि सार्वजनिक परिवहन से जुड़े कर्मचारियों को पहले दौर के टीकाकरण से वंचित रखा गया तो शुरुआती दौर में ही सुरक्षा चक्र टूटने का ख़तरा उत्पन्न हो सकता है।
विगत दिनों एक वेबिनार में उबर इंडिया के प्रमुख राजीव अग्रवाल से हुई बातचीत का हवाला देते हुए पोद्दार ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में नियोजित लोग राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के अभिन्न अंग हैं। निजी प्लेटफ़ॉर्म, चार्टर्ड, सार्वजनिक टैक्सी, बस, ऑटो, ट्रक, वैन, शटल, टेम्पो, पर्यटक वाहन, ट्राम, मेट्रो रेल, रिक्शा, ट्रेन ऑपरेटर, नाविक, एयरलाइन पायलट आदि लगातार एक बड़ी आबादी के सम्पर्क में आते हैं।अनलॉक के बाद सार्वजनिक परिवहन के साधनों ने देश के नागरिकों को आवागमन की जो सुविधा प्रदान की है, उससे जाहिर है कि अब इन सेवाओं को रोकने का अर्थ जनजीवन को दूभर बनाना और लाखों लोगों के लिए आजीविका का संकट खडा करना होगा। दूसरी ओर, यदि ये पूर्ववत काम करते रहे तो निश्चित तौर पर सार्वजनिक परिवहन कर्मी बड़े “कोरोना स्प्रेडर” बन सकते हैं और आम लोगों के साथ दृ साथ अपने परिजनों के लिए भी ख़तरा बन सकते हैं।
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