पूर्णिया : – कोसी बेसिन के आंचल में बसा पूर्णिया में भूगर्भिक जल महज 12 से 15 फुट पर ही उपलब्ध है । इसके बावजूद भी पूर्णिया में पानी के लिए हाहाकार है । यहां गांव क्या शहर में भी शुद्ध पेय जल लोगों को नसीब नहीं है । पीएचइडी विभाग द्वारा बनाये गये जलमीनार से 46 वार्ड के नगर निगम क्षेत्र में कहीं-कहीं ही सप्लाइ है ।
विभागीय व्यवस्था का यह हाल है कि कहीं पानी के लिए हाहाकार मचा है तो कहीं पानी बेकार में बह रहा है । शहर के लोग इस बात से हैरान हैं कि जिस पानी के लिए शहर में हाहाकार मचा हुआ है वही पानी शहर के अन्य जगहों पर अकारण विभागीय लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहा है ।
पिछले एक हफ्ते से खुश्कीबाग में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है । यहां के लोग पानी केलिए नगर निगम के टैंकर के भरोसे जी रहे हैं ।बताते चले कि यहाँ का पानी टंकी खराब हो जाने के कारण यहाँ रह रहे नागरिको को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है ।
ऐसा नही है कि पूर्णियां में पानी की किल्लत है चूंकि उक्त क्षेत्र में वर्षों पहले से पानी टंकी रहने, व नियमित पानी सप्लाई होने के कारण लोगों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की ।अचानक पानी टंकी के खराब होने के चलते ही यह समस्या उत्पन्न हुई है ।
उम्मीद की जा रही है कि दो-तीन दिनों के बाद पानी साफ निकलने लगेगा और पेय जल की समस्या दूर हो जाएगी ।
दूसरी तरफ बात करें शहर के अन्य जगहों की तो सड़क किनारे लोगों के पीने के लगाए गये नल की टोटी खराब रहने के कारण वहाँ पानी अकारण ही बहता रहता है ।ऐसा शहर के कई हिस्सों में देखा जा सकता है ।आश्चर्य तो इस बात का है कि जहाँ एक ओर जल ही जीवन है जैसे नारो से लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं विभागीय लापरवाही के कारण पानी अकारण बह रहा है ।