नीतीश ने सरकारी सेवकाें की मृत्यु के बाद परिजनों को सुविधा नहीं मिलने पर दिया कार्रवाई का निर्देश

पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी सेवकों की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाने के बाद परिजनों को सरकार की ओर से 44 साल बाद भी सुविधाएं नहीं मिलने की शिकायत पर अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

श्री कुमार से सोमवार को यहां ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान औरंगाबाद से आए एक युवक ने कहा कि उनके पिता भू-अर्जन पदाधिकारी थे, जिनकी मृत्यु नौकरी के दौरान ही वर्ष 1993 में हो गई थी। उनकी मां लगातार विभाग के चक्कर काटती रही लेकिन आज तक किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली। इसी तरह जमुई से आए एक व्यक्ति ने कहा कि वर्ष 1978 में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी लेकिन आज तक अनुकंपा के आधार पर उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री से भागलपुर जिले के नाथनगर से आए एक फरियादी ने गुहार लगाई कि नाथनगर में चंपा नदी के चारो ओर नगर निगम ने कचड़ा डंप करके उसको नाला बना दिया है। इसके साथ-साथ चंपानगर में जितने भी सिल्क उद्योग हैं उनके जितने भी कचड़े हैं वह भी चंपा नदी में बहाया जा रहा है लेकिन अब तक इसको लेकर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई जिससे आस-पास प्रदूषण फैल रहा है और पर्यावरण पर उसका बुरा असर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

श्री कुमार से सुपौल जिला से आए एक युवक ने कहा कि उनके गांव में सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। लगातार गुहार लगाते रहने के बावजूद सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। भागलपुर के एक युवक ने कहा कि उनके मकान की छत के ऊपर से ऊर्जा विभाग ने 11 हजार वोल्ट का तार लगा दिया गया है, जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है। इस संदर्भ में ऊर्जा विभाग में कई बार शिकायत की गई लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जांचकर उचित कार्रवाई की जाए।

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