
ICMR और सीरम इंस्टीट्यू ने किया बड़ा ऐलान
नई दिल्ली:- दुनियाभर के ड्रगमेकर्स और रिसर्च सेंटर COVID-19 वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिनमें से कई कैंडिडेट्स के बड़े परीक्षणों में हजारों प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इसी बीच अच्छी खबर यह है कि भारत में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल कर रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल की बड़ी चुनौती को पार कर लिया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) व ICMR ने ऐलान किया है कि कोविशील्ड के लिए क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण का एनरोलमेंट संपन्न हो गया है। ICMR और SII ने कोवोवैक्स (COVOVAX, Novavax) के क्लिनिकल डेवलपमेंट के लिए भी मिलकर काम कर रहे हैं। COVOVAX को अमेरिका के नोवावैक्स ने विकसित किया है और भारतीय SII इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर ने ऐलान किया है कि भारत में कोविशील्ड के लिए क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण का एनरोलमेंट संपन्न हो गया है। इससे पहले पुणे स्थित देश की बड़ी दवा निर्माता सीरम इंस्टीट्यू ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदर पूनावाला ने कहा था कि देश में जनवरी 2021 तक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। अदर पूनावाला ने कहा था कि भारत और यूनाइटेड किंगडम में परीक्षणों की सफलता और अगर समय पर रेगुलेटरी बॉडीज को मंजूरी मिल जाती है, इसके साथ ही अगर यह प्रतिरोधक और प्रभावी साबित होती है तो हम ये उम्मीद कर सकते हैं कि भारत में अगले साल जनवरी तक वैक्सीन उपलब्ध रहेगी।
उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोविशिल्ड को विकसित किया है और ब्रिटिश-स्वीडिश ड्रग निर्माता एस्ट्राजेनेका ने इसे लाइसेंस दिया। वैक्सीन का भारत में फिलहाल 1,600 लोगों के बीच क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण चल रहा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन निर्माण के लिए पार्टनरशिप की है, जिसे अगले साल की तिमाही तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
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