
नेताजी की यादों को सहेज कर रखा है एक परिवार
रांची:- आजाद हिंद फौज के संस्थापक और देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आज कृतज्ञ राष्ट उन्हें नमन कर रहा है। रांची में भी कई ऐसे जगह और परिवार हैं जिनका जुड़ाव सीधे तौर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस से था। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रांची में भी कई जगहों पर सभाएं की थी और आंदोलन से जुड़ने का आह्वान किया था और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार झारखंड भी आए थे। इस दौरान वे रांची में अपने मित्र फनेंद्र नाथ आयकट के घर पर लगातार तीन दिनों तक ठहरे थे। आयकट परिवार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी यादों को आज भी सहेज कर रखा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के मित्र फनेंद्र नाथ आयकट का लालपुर स्थित यह घर झारखंड और देशवासियों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है। फनेंद्र नाथ आईकट के पोते विष्णु आई कट बताते हैं कि रामगढ़ में होने वाले अधिवेशन के सिलसिले में नेताजी सुभाष चंद्र बोस उनके यहां तीन दिनों तक ठहरे थे। इस दौरान उनके दादा फनेंद्र नाथ आयकट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कई तरह से मदद भी की थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आयकट फैमिली के साथ उस जमाने में एक तस्वीर भी खिंचवाई थी जिसे इस परिवार ने संभाल कर रखा है। इस तस्वीर में विष्णु आयकट के दादा जी और दादी जी के साथ परिवार के अन्य सदस्य शामिल है। एक अन्य तस्वीर में नेताजी स्वतंत्रता सेनानियों के साथ दिख रहे हैं।
आयकट फैमिली के पास उस समय का एक आराम कुर्सी है जिसे धरोहर के रूप में रखा गया है। खास बात यह है कि रांची में रहने के क्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी कुर्सी पर बैठते थे। फनेंद्र नाथ आयकट के परपोते अभिषेक को इस बात का गर्व है कि उनके घर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ठहरे थे। नेताजी की उपस्थिति को वे आज भी महसूस करते हैं। अभिषेक इस बात से और भी अधिक खुश हैं की केंद्र सरकार ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
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