
व्यवसाय के लेनेदेन में किया अपहरण, समझौते के बाद मैथन थाना से छूटे सभी आरोपी
संजय की पत्नी आशा देवी ने बताया कि 14 अगस्त को एक फोन आया कि तुम्हारे पति का अपहरण किया गया है। पांच लाख रुपये देने होंगे। उनके कहे अनुसार 50 हजार रुपये बैंक खाते में जमा करा दिए। …
धनबाद, मैथन:- बिहार के कैमूर जिला अंतर्गत कुरदा थाना क्षेत्र निवासी संजय कुमार सिंह के अपहरण को लेकर दिनभर अफरातफरी रही। संजय द्वारा मैथन डैम पर तैनात सीआइएसएफ को अपहरण की सूचना देने पर पुलिस बुलाई गई। मैथन थाना की पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। पश्चिम बंगाल के कल्याणेश्वरी में छापेमारी कर छह को हिरासत में लिया। हालांकि बाद में दोनों पक्षों में समझौते के बाद पुलिस ने थाने से सभी को छोड़ दिया।
संजय का कहना था कि फिरौती के रूप में पांच लाख रुपये मांगे गए थे। 50 हजार रुपये उनके बैंक खाते में जमा करवा दिए गए थे, लेकिन वे लोग पूरे पैसे की मांग करते हुए संजय को लेकर कल्याणेश्वरी आ गए। संजय उनके चंगुल से बचकर सोमवार सुबह मैथन डैम पहुंच गया। वहां सीआइएसएफ जवानों से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद सीआइएसएफ ने मैथन पुलिस से संपर्क कर संजय को उनके हवाले कर दिया। फिर मैथन पुलिस ने संजय की निशानदेही पर कल्याणेश्वरी स्थित होटल में छापेमारी कर छह लोगों को पकड़ा। इसमें सासाराम के दिनेश कुमार, विकास कुमार, सुधीर प्रसाद व शशि कुमार और गया के आशुतोष कुमार ङ्क्षसह व अनिल कुमार शामिल थे। पुलिस सभी को मैथन ओपी लाई। पूरे दिन नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। अंत में पार्टनरशिप विवाद का मामला निकला। सोमवार देर शाम दोनों पक्षों में आपसी समझौता होने पर पुलिस ने सबको छोड़ दिया। दोनों पक्षों ने मैथन ओपी में लिखित आवेदन दिया कि कोई एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं करेगा। यह आपसी मामला है।
इधर संजय ने बताया कि उन्होंने अपने कुछ मित्रों के साथ पार्टनरशिप में व्यापार शुरू किया था। इसमें तीन लाख रुपये लगाए थे, लेकिन अन्य पार्टनरों ने उनके रुपये हड़प लिए। रुपये मांगने पर जान से मारने की धमकी देते थे। जिस कंपनी में उनलोगों ने ठेका का काम किया, वहां के कुछ सामान भी चुराकर बेच दिए थे। इसकी जानकारी उन्होंने कंपनी को दे दी थी। इस कारण वे लोग और नाराज हो गए थे। 14 अगस्त को इन छह पार्टनरों ने उन्हें रुपये देने की बात कहकर बुलाया। जब उनसे मिलने पहुंचा तो जबरन कार के अंदर घुसाया। दो दिन तक कार में लेकर विभिन्न स्थानों पर गए। रविवार शाम कल्याणेश्वरी मंदिर के समीप एक होटल में लेकर आए। यहां बंधक बनाकर पीटा। फोन कर उनकी पत्नी को धमकाते हुए पांच लाख रुपये मांगे। 15 अगस्त को उनकी पत्नी ने 50 हजार रुपये उनके बैंक खाते में जमा कर दिए। बाकी रुपये लेकर उनलोगों ने होटल में बुलाया था।
संजय की पत्नी आशा देवी ने बताया कि 14 अगस्त को एक फोन आया कि मेरे पति का अपहरण किया गया है, फिरौती के रूप में पांच लाख रुपये देने होंगे। उनके कहे अनुसार 50 हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेज दिए थे। रविवार को फोन आया कि मेरे पति को उनलोगों ने होटल में रखा है। सोमवार की सुबह वे लोग निकल जाएंगे। सोमवार की सुबह जब होटल पहुंची तो पता चला कि उनके पति यहां से बचकर भाग निकले हैं। उधर मैथन ओपी में पकड़े गए लोगों ने अपहरण की बात से इन्कार करते हुए इसे आपसी लेनदेन का मसला बताया। कहा कि उनका स्क्रैप का धंधा है। उसी में संजय मुंशी का कार्य करता था। उसने स्क्रैप का तार गुमला में बेच दिया। इसकी शिकायत भी गुमला में की गई है। अब उसी से बचने के लिए कहानी गढ़ रह रहा है
जांच में पाया गया कि मामला आपसी लेनदेन का है। पुलिस में किसी ने कोई लिखित शिकायत नहीं की। दोनों पक्ष ने पीआर बांड भरा जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
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