हिसार:- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज हड़प्पाकालीन सभ्यता को लेकर हिसार के प्रसिद्ध गांव राखीगढ़ी में पहुंचे।
श्री खट्टर और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अधिकारियों के साथ राखीगढ़ी की टीले नंबर तीन पर दौरा किया। इस दौरान पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली भी मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने म्यूजियम का दौरा किया और राखीगढ़ी की खुदाई में निकले हड़प्पा कालीन अवशेषों अवलोकन भी किया।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी और हरियाणा सरकार के काफी अधिकारी शामिल रहे हैं, जो राखीगढ़ी के विकास को लेकर पूरी योजना तैयार करेंगे। इस दौरे के लिए पूरे गांव की साफ सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और एएसआई से मिलकर राखी गढ़ी का ऐसा स्वरूप बनाया जाएगा, जिससे टूरिस्ट पर्यटन के लिए आए। लोग हमारी प्राचीन सभ्यता को देखें। म्यूजियम जल्दी ही तैयार हो जाएगा। म्यूजियम में खुदाई में निकले पुराने अवशेष भी रखे जाएंगे। गैबीनगर से राखी गढ़ी को जाने वाले पांच किलोमीटर के रोड को चौड़ा किया
जाएगा। राखी गढ़ी से सामान तस्करी होने पर श्री खट्टर ने कहा कि इससे निकलने वाला सामान राष्ट्रीय संपत्ति है। लोगों के पास सामान रखा गया, इसकी प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। हम यहां हरियाणा पुलिस और एएसआई की संयुक्त सुरक्षा तैनात रखी जाएगी। कोई भी आदमी पास से जाएगा और बिना काम के लिए नहीं आ पाएगा। एएसआई के साथ कुछ बातों को लेकर व्यवधान आ गया था, लेकिन नवंबर में उसे दूर कर दिया गया।
हिसार जिले के गांव ढंडेरी के शहीद निशांत मलिक के परिजन भी मुख्यमंत्री से मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने कई मांगें रखी। शहीद निशांत मलिक के परिजन और ग्रामीण हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने आए थे। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता प्रेम सिंह मलिक ने मुख्यमंत्री के समक्ष तीन मांगों को रखा।
श्री मलिक ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि शहीद निशांत मलिक के सम्मान में उसकी बहन कुमारी नीरज को हरियाणा सरकार में स्थाई नौकरी देने, शहीद निशांत मलिक के सम्मान में हरियाणा सरकार द्वारा निर्धारित सम्मान राशि देने बारे, शहीद का स्मारक स्थल पर निशांत मलिक की प्रतिमा स्थापित करने और गांव में महिला कॉलेज की स्थापना को लेकर ज्ञापन सौंपा।
श्री मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द सरकार की पॉलिसी के अनुसार शहीद के परिजनों को जो भी सम्मान बनता हैं, उनको हर हाल में दिया जाएगा। शहीद निशांत मलिक के पिता व सेवानिवृत जयवीर मलिक व उसकी पुत्री कुमारी नीरज भी साथ मौजूद थीं।
राखीगढ़ी गांव में 11 टीलों के नीचे पांच हजार साल पुराना शहर मिला है। यह 350 हेक्टेयर में फैला है। इसमें सात टीलों को चिह्नित किया है। दफन हो चुके हड़प्पाकालीन शहर की पुरातात्विक खुदाई में विकसित शहर के सबूत मिले हैं। उस शहर में पांच हजार साल पहले घर, साफ-सफाई, सड़कें, आभूषण और शवों के अंतिम संस्कार के वक्त क्या रखा जाता था, इसके भी सबूत मिले हैं। खुदाई में महिलाओं के शव, चूल्हे और कॉपर का आइना भी मिला था। आज की भांति कटी हुई सड़कें, गलियां और नालियां हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राखीगढ़ी हड़प्पा काल का एक महत्वपूर्ण शहर और व्यावसायिक केंद्र रहा होगा।

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