रांची:- अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के रांची विश्वविद्यालय अध्यक्ष नीतीश सिंह ने आज सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को निराशापूर्ण बताते हुए कहा है कि यह बजट युवाओं के अपेक्षाओं के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्ष में जिस तरह कोरोना संक्रमण रूपी महामारी ने करोड़ों युवाओं के शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में गति को शून्य पर ला दिया है वहीं निजी क्षेत्र में लाखों युवाओं की नौकरी चली गयी है। ऐसे में युवाओं को उम्मीद थी कि आज पेश होने वाले बजट में युवाओं के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे, परंतु सरकार के बजट में युवाओं के साथ सरोकार नजर नही आया।
सरकार के इस बजट में युवाओं के रोजगार सृजन हेतु पर्यटन के क्षेत्र में विशेष प्रावधान कर रोजगार सृजित करने, विभिन्न उधोगों को विकसित कर रोजगार के गाथा गढ़ने, कृषि से जोड़ने एवं इसके लिए युवाओं को प्रेरित कर उन्हें वितिय सहायता उपलब्ध कराने, कौशल विकास के क्षेत्र में विभिन्न प्रावधान करने, छात्रवृति को बड़े पैमाने पर जन जन तक पहुंचाने, महिलाओं एवं युवाओं के लिए मुफ्त प्राथमिक, मध्य, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का मार्ग प्रसस्त करने, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने आदि के लिए कार्यक्षमता एवं इरादे की कमी साफ झलकती है।
नीतीश सिंह ने आगे कहा कि राज्य के सभी अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण करने हेतु आवश्यक वित्तिय प्रावधान की नगण्यता भी आज के बजट में साफ साफ झलकती है। यह साबित करता है कि अनुबंधकर्मियों, पंचायत सचिव के नियोजन एवं पारा शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन सरकार आज राज्य में काबिज है।
वर्तमान की हेमंत सरकार ने वर्ष 2021 को रोजगार का वर्ष घोषित कर रखा है परन्तु वर्तमान बजट में उक्त घोषणा जुमले की तरह प्रतीत हो रहा है। नीतीश सिंह ने कहा की आज का बजट युवाओं के दृश्टिकोण से उनके ठगे जाने के जैसा है और युवाओं के साथ हुए इस धोखे के बोझ तले ही यह सरकार टूट कर बिखर जाएगी।
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