
नयी दिल्ली:- दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को पाकिस्तान स्थित सिखों के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल करतारपुर दरबार साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन आईएसआई संगठन एक्यू ट्रस्टी प्रापर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) को सौंपने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। श्री सिरसा ने गुरुवार को यहां कहा कि इमरान खान मंत्रिमंडल के पवित्र करतारपुर दरबार साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान गुरुद्वारा समिति (पीजीसी) के हाथ से लेकर आईएसआई संगठन ईटीपीबी को दे देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा सिख संगठन पीसीबी से करतारपुर दरबार साहिब का प्रबंधन एक गैर सिख संस्था को दे दिया गया है। करतारपुर दरबार साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन का कार्य अब जिस संस्था को सौंपा खास गया है उसमें एक भी सिख समुदाय का सदस्य नहीं है।
करतारपुर गुरुद्वारे के रख-रखाव की जिम्मेदारी अब जिस परियोजना प्रंबधन इकाई को सौंपी गई है, उसके सभी नौ सदस्य ईटीपीबी से हैं और बताया जाता है इस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूरा नियंत्रण है। इकाई का मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. तारिक खान को बनाया गया है। इमरान सरकार के करतारपुर दरबार साहिब गुरुद्वारा को लेकर जारी नए आदेश में गुरुद्वारे के जरिए व्यापार की योजना है। इस आदेश में परियोजना कारोबार योजना का भी उल्लेख है।
सिखों के पवित्र धार्मिकस्थलों में से एक करतारपुर दरबार साहिब को गुरुनानक देव का निवास स्थान बताया जाता है, जहां सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने अंतिम सांसें ली थीं। दोनों देशों के बीच सहमति के बाद कॉरिडोर बनाया गया और गुरुनानक देव की 2019 में 550वीं जयंती के अवसर पर यह गलियारा खोला गया था। भारत की तरफ से पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक गलियारे का निर्माण किया गया है। पाकिस्तान सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है।
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