
चाईबासा:- उपायुक्त अरवा राजकमल ने जानकारी दी कि राज्य के मुख्य सचिव के निर्देशानुसार आज विभाग के सचिव ने पूरे राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त और उप विकास आयुक्त के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक आहूत की।
जल जीवन मिशन के तहत् राज्य सरकार की प्राथमिकता यह है कि 2024 वित्तीय वर्ष पूर्ण होने तक राज्य में जितने भी परिवार हैं उनको नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराना है। उपायुक्त ने कहा कि सघन तरीके से इस मुहिम को चलाने के लिए और हर साल लक्ष्य निर्धारित करते हुए पर्याप्त मात्रा में योजनाओं को पूर्ण करने और लोगों को नल-कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्देश बैठक में दिया गया है।
पश्चिमी सिंहभूम जिला के लिए 284000 घरों को चिन्हित किया गया है जिसमें लगभग 11000 के पास जल का नल का कनेक्शन था। इस वर्ष 21000 और लोगों को नल का कनेक्शन देने की योजना है जिसमें अभी तक 14000 कनेक्शन दिया गया है जिससे कि इस वर्ष में 7000 और कनेक्शन देने की आवश्यकता है। इसके बाद जो टारगेट है वह अभी भी काफी अधिक है, करीब 250000 घरों में कनेक्शन आने वाले 3 साल में उपलब्ध कराना है। इस को प्राथमिकता के रूप में रखते हुए डीएमएफटी योजना के तहत् जिन वृहद जलापूर्ति योजना पर अभी कार्य चल रहा है उन के माध्यम से नल का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। कुल 37 ऐसी योजनाएं हैं जो जिला में विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन हैं। इनमें करीब 10 योजनाएं डीपीआर की स्टेज पर हैं, अन्य 27 योजनाएं विभिन्न चरणों पर हैं जिनमें से कुछ का उद्घाटन भी हो गया है और कुछ का मेंटेनेंस फेज़ प्रारंभ हो चुका है और कुछ अभी भी निर्माणाधीन हैं। उपायुक्त ने कहा कि सभी योजनाओं में हमारी प्राथमिकता रहेगी कि व्यक्तिगत कनेक्शन यानि कि घर तक नल के माध्यम से लोगों तक पानी पहुंचाना। पंचायत के स्तर से भी मुखिया के फंड के माध्यम से या 14वें वित्त आयोग के फंड के माध्यम से, जिला के किसी अन्य मद से, डीएमएफटी योजना के तहत् अथवा माननीय सांसद या माननीय विधायक विधायक फंड से लोकल एरिया डेवलपमेंट नीति के तहत् कई अन्य योजनाएं भी ली गई हैं। सभी योजनाओं का एक बार आकलन करते हुए सभी स्टैंड पोस्ट आधारित पेयजल योजनाओं को टैप वाटर बेस्ड पेयजल योजनाओं के रूप में तब्दील करने का आदेश प्राप्त हुआ है। किसी गांव में यदि सोलर जल मीनार है तो उसी से 20 से 30 घरों में कनेक्शन देने का काम करेंगे। इस जिला में 1200 की संख्या में एससी / एसटी टोलों में डीएमएफटी फंड से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इसमें 500 से ऊपर की संख्या में योजनाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं। शेष योजनाएं पूर्णता की ओर हैं। सभी योजनाओं के माध्यम से टोला और गांव के अलग-अलग स्वरूप, जल की उपलब्धता और भूमि की संरचना और बनावट को ध्यान में रखते हुए घर-घर नल का कनेक्शन दिया जाएगा। हर वर्ष की योजना बनाते हुए डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड, विभाग के द्वारा प्राप्त निधि या जल जीवन-मिशन के द्वारा प्राप्त निधि, माननीय सांसद/ माननीय विधायक के अनुशंसा पर लैड आधारित योजना हो या एससीए से पोषित योजना हो सभी का समेकित उद्देश्य और योजना यह है कि 2024 तक इस जिला के सभी घरों तक पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
विगत 1 वर्ष में कई नई जलापूर्ति योजनाओं पर कार्य शुरू हुआ है
उपायुक्त ने कहा कि इस जिला के लिए वरदान यह है कि बहुत सारी जलापूर्ति योजनाएं पहले से ही क्रियान्वित हैं। विगत 1 वर्ष में कई सारी नई स्कीम पर कार्य शुरू हुआ है। सभी योजनाएं धरातल पर आएंगी तो जिला के लिए लक्षित 250000 कनेक्शन में से करीब 220000 लोगों के घरों तक कनेक्शन देकर जल की आपूर्ति वृहत् जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से की जा सकती है। उपायुक्त ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को संबंधित आवश्यक निर्देश सचिव महोदय द्वारा दिए गए हैं जिसका अनुपालन आने वाले दिनों में लगातार करते रहेंगे।
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