नई दिल्ली:- भारत ने 407 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आखिर में 131 ओवरों में पांच विकेट पर 334 रन बनाए। जब मैच में एक ओवर बचा हुआ था तब दोनों टीमें ड्रा पर सहमत हो गई। आॅस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 338 रन बनाए थे और दूसरी पारी छह विकेट पर 312 रन बनाकर समाप्त घोषित की। भारत ने पहली पारी में 244 रन बनाए थे।
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आपने रोमांचक टेस्ट मैच तो कई देखे होंगे, लेकिन किसी में उतना मसाला नहीं होगा, जितना सिडनी में हुए तीसरे टेस्ट में था। जहां लड़ाई थी प्रतिष्ठा की, बदले की और जीत हुई क्रिकेट की। दर्शक यहां अपनी हदें तोड़ते हुए भारतीय टीम पर नस्लभेदी टिप्पणियां करते हैं। मजबूरी में जीत की बजाय मेहमान ड्रॉ के लिए जाते हैं। मेजबानों को बुरी तरह थकाते हैं। एक के बाद एक टीम इंडिया के कई खिलाड़ी मैच में चोटिल हो जाते हैं, जो बचते हैं वो पत्थर की तरह भारी गेंदें अपने शरीर पर खाते हैं और अपने देश के लिए मैच बचाते हैं।
मैच बचाते हुए चौथी पारी में सबसे ज्यादा बल्लेबाजी
पांचवें और अंतिम दिन चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की शतकीय साझेदारी टूटने से जीत की उम्मीदें धूमिल और हार का खतरा मंडराने लगा, लेकिन हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने क्रीज पर जो पांव जमाए तो मैच को ड्रॉ करके ही दम लिया। कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की टीम की यह आॅस्ट्रेलिया पर मनोवैज्ञानिक जीत थी।
विहारी ने हैम्सट्रिंग में खिंचाव के बावजूद अश्विन के साथ अंतिम सत्र में आॅस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की हर रणनीति को नाकाम करके उसकी जीत की उम्मीदों पर पानी फेरा। हनुमा ने लगभग चार घंटे क्रीज पर बिताकर अपने नाबाद 23 रन के लिए 161 गेंदें खेली जबकि अश्विन ने 128 गेंदों पर नाबाद 38 रन बनाए।
हनुमा ने पुजारा के साथ 31 और अश्विन के साथ मिलकर 120 गेंदों का सामना किया। हनुमा-अश्विन ने लगभग 42 ओवरों का सामना करके छठे विकेट के लिए 62 रन जोड़े। 1979-80 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 131 ओवर बल्लेबाजी कर मैच बचाया था। अब 40 साल बाद यह टीम भारतीय इतिहास में इस लिस्ट में छठे नंबर पर पहुंची।
ऋषभ पंत और पुजारा जीत की ओर ले जा रहे थे
भारत ने आज अंतिम दिन कप्तान अंजिक्य रहाणे (चार) का विकेट सुबह दिन के दूसरे ओवर में ही गंवा दिया था। बावजूद इसके जीत की रणनीति अपनाई। यही वजह थी कि पुजारा क्रीज पर पांव जमा रहे थे पंत बेखौफ बल्लेबाजी कर रहे थे। पंत और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आफ स्पिनर नाथन लियोन के बीच जंग दर्शनीय थी।
ऋषभ ने शुरूआती लगभग 35 गेंद तक सतर्क रवैया अपनाया, लेकिन फिर लियोन के खिलाफ कदमों का इस्तेमाल करते हुए लॉन्ग आॅन पर छक्का और तीन चौके मारे। टिम पेन ने इसके बाद लियोन का छोर बदला, लेकिन पंत ने लॉन्ग आॅफ और लॉन्ग आॅन के ऊपर से उन पर दो और छक्के जड़ दिए। पुजारा ने भी इस आॅफ स्पिनर पर दो चौके मारे।
टिम पेन ने टपकाए तीन कैच
पंत का भाग्य ने भी साथ दिया। लियोन की गेंद पर तीन और 56 रन के निजी स्कोर पर पेन ने उनके कैच छोड़े थे। आॅस्ट्रेलियाई कप्तान ने इसके बाद निर्णायक मौके पर हनुमा विहारी का भी कैच टपकाया। लियोन हालांकि दूसरी नई गेंद से पंत को पवेलियन भेजने में सफल रहे। पंत ने शतक पूरा करने की कोशिश में बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया, लेकिन स्पिन होती गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़े पैट कमिंस के हाथों में चली गई।
पंत के आउट होने के बाद पुजारा ने कुछ अच्छे शॉट खेले, लेकिन जोश हेजलवुड ने उन्हें बोल्ड करके उनकी धैर्यपूर्ण पारी का अंत किया। ऋषभ ने 118 गेंदों पर 12 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 97 रन बनाए। पुजारा ने अपनी 205 गेंदों की पारी में 12 चौके से 77 रन लगाए। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 148 रन जोड़े।
चोट की वजह से ड्रॉ के लिए गया भारत
पुजारा के आउट होने के बाद विहारी की पैर की मांसपेशियों में भी खिंचाव आ गया, लेकिन इससे उनकी प्रतिबद्धता पर प्रभाव नहीं पड़ा। इस वजह से विहारी और अश्विन ने दौड़कर रन नहीं बनाए। इस बीच अधिकतर रन बाउंड्री से बने। पुजारा जब दूसरे सत्र के आखिर में आउट हुए तब दिन के लगभग 43 ओवर बचे हुए थे।
भारत लक्ष्य से 137 रन दूर था लेकिन रविंद्र जडेजा चोटिल थे और ऐसे में हमलावर तेवर अपनाने वाले आॅस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने पुछल्ले बल्लेबाजों को लाना बुद्धिमतापूर्ण नहीं होता। ऐसे में भारत ने ड्रॉ के लिए बल्लेबाजी की तथा विहारी और अश्विन ने टीम की रणनीति पर बखूबी अमल किया। आॅस्ट्रेलिया ने शार्ट पिच गेंदें की, लगातार अपील करके दबाव बनाया, गेंदबाजी में लगातार बदलाव किए, लेकिन विहारी और अश्विन की एकाग्रता भंग नहीं हुई।
नस्लभेदी टिप्पणियों ने किया क्रिकेट को बदनाम
मैच के तीसरे और चौथे दिन आॅस्ट्रेलियाई फैंस बदतमीजी पर उतर आए। मोहम्मद सिराज के खिलाफ जमकर नस्लभेदी टिप्पणियां की गई। बाउंड्री में फिल्डिंग के दौरान उन्हें गालियां दी गई। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विश्व क्रिकेट ने इस घटना की निंदा की। क्रिकेट आॅस्ट्रेलिया ने कई बार आधिकारिक रूप से भारतीय खिलाड़ियों से माफी मांगी। आईसीसी पूरे मामले की जांच कर रहा है।
कुल मिलाकर इन विपरित हालातों के बावजूद जिस तरह से टीम इंडिया ने अपना रंग दिखाया वह काबिल-ए-तारीफ है। इस मैच को टेस्ट क्रिकेट के सबसे रोमांचक मुकाबलो में एक गिना जाएगा। रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे इस मैच के ड्रॉ होने के बाद चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर है। अब ब्रिस्बेन में 15 जनवरी से शुरू होने वाला चौथा और अंतिम टेस्ट मैच निर्णायक बन गया है।
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