
रांची:- कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा से लेकर दिल्ली कर जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में झारखंड में भी आवाजें मुखर होने लगी है।
भाकपा माले और सहयोगी संगठनों ने रांची में राजभवन के पास श्किसान पड़ावश् अभियान छेड़ा है। उधर जमशषेदपुर मं कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की लेकर किसान आंदोलन एकजुटता मंच के बैनर तले आम बगान से साकची गोलचक्कर तक जुलूस निकाला। साकची गोलचक्कर के पास धरने में इचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह और जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी भी पहुंचे।
अरविंद सिंह का कहना है कि यह लड़ाई कॉरपोरेट घराने और किसानों के बीच की है। केंद्र सरकार का रवैया किसानों के प्रति ठीक नहीं है। वार्ता के नाम पर मसले को लटकाया जा रहा है। अरविंद सिंह ने किसान नेताओं से अपील की है कि वे अपनी मांग को मनवाए बिना हिले नहीं। इस आंदोलन की गूंज जल्दी ही देशव्यापी सुनाई पड़ेगी। झामुमो विधायक मंगल सिंह कालिंदी ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों की पोषक है। दो महीने से किसान कठनिर परिस्थितियों का सामना कर आंदोलन पर अड़े हैं और सरकार कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन इस लड़ाई में सरकार की हार होगी यह तय है। झारखंड जनतांत्रिक महासभा के दीपक रंजीत ने बताया है कि कम से कम बीस संगठनों के हजारों लोग विरोध मार्च में शामिल हुए हैं। जमशेदपुर में आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। किसानों के साथ केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
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