रांची:- झारखंड में ओबीसी वर्ग का लंबे समय से एक माँग थी कि ओबीसी वर्ग को झारखंड में उनके जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण दिया जाय । ताकि इस वर्ग को भी सरकारी नौकरी, निजी नौकरी, शिक्षा, व्यवसाय इत्यादि में लाभ मिल सके और इस माँग को लेकर कई समाजिक संगठन समय समय पर आंदोलन करते रहे हैं ।
14 सितम्बर 2022 को झारखंड सरकार के कैबिनेट प्रस्ताव पारित किया गया । जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा ओबीसी को सरकारी नौकरियां, शिक्षा इत्यादि में 27ः देने की घोषणा किया गया ।
ओबीसी वर्ग को 27ः आरक्षण की घोषणा के बाद राज्य भर के ओबीसी संगठन चलाने वाले लोगों ने इसका स्वागत किया है।
इस बाबत झारखंड प्रदेश तेली समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से लंबित इस विषय पर हेमंत सोरेन की सरकार ने हिम्मत दिखाते हुए यह ऐतिहासिक घोषणा की है, यह राज्य भर के ओबीसी समुदाय के लिए हर्ष का विषय है।
आगे उन्होंने कहा की बीपी मंडल आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुसार और 1993 में नौ जजों की बेंच के फैसले के अनुसार सरकार को पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने में कहीं कोई समस्या नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र में आरक्षण देने और झारखंडी महापुरुषों के नाम से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का नामांतरण करने की घोषणा की है, यह फैसला काबिले तारीफ है।