शिमला:- हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी सरकार कर्मचारियों के ओपीएस के मुददे पर संवेदनशील है। प्रदेश सरकार इस मुददे को केंद्र सरकार के माध्यम से सुलझाना चाहती है। इस मसले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है। जिन कांग्रेस राज्यों ने ओपीएस को लागू करने की घोषणा की है, उन राज्यों ने भी व्यवहारिक रूप से ओपीएस को लागू नहीं किया है।
श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ओपीएस के मुददे पर राजनीति कर रही है। पत्रकारों से अनौपचारिक रूप से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस को पूर्व कांग्रेस सरकार ने लागू किया था। उसके बाद वर्ष 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार बनी। उस समय किसी ने भी इस मुददे पर कुछ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि आज अचानक 20 वर्ष बाद कैसे याद आ गई। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस में न तो राष्ट्रीय स्तर पर कोई नेतृत्व बचा है और न ही प्रदेश में कांग्रेस में बिखराव है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आर्शीवाद से विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में 5000 किलोमीटर सडकों का जाल बिछा है। जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह आंकडा 4,000 किलोमीटर था। इसके अलावा बिलासपुर में 1,400 करोड़ की लागत से एम्स, बिलासपुर का हाइड्रो इंजीनियंरिंग कॉलेज सहित व अन्य परियोजनाएं सिरे चढ़ी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि हिमाचल में आप बुरी तरह हांफ चुकी है। जिसका अब न तो नेता यहां आ रहा है न कोई और। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि चुनावों के समय भाजपा में टिकट मांगने का अधिकार सभी को है, लेकिन अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

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