
नयी दिल्ली:- फ्यूचर समूह के प्रवर्तकों ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान जब समूह (फ्यूचर) पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा था, तो अमेजन ने कोई मदद नहीं की। ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी को लिखे पत्र में प्रवर्तकों ने कहा है कि जिस समय समूह पर कर्ज बढ़ रहा था, अमेजन सिर्फ ‘दिखावटी मदद’ कर रही थी। यह पहला मौका है जबकि फ्यूचर समूह के प्रवर्तकों ने अमेजन को पत्र लिखा है। फ्यूचर रिटेल की संपत्तियों को रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने के सौदे को लेकर दोनों पक्ष फिलहाल कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। किशोर बियानी और अन्य प्रवर्तकों ने यह पत्र 31 दिसंबर को लिखा है। पत्र में कहा गया है कि मार्च से अगस्त के दौरान जब समूह का खुदरा कारोबार लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ था उस समय अमेजन का रुख ‘भरोसेमंद’ नहीं था। फ्यूचर ने यह भी दलील दी कि अमेजन को दो जुलाई, 2020 से रिलायंस के साथ ‘विशिष्टता’ की अवधि और उसके 14 अगस्त तक विस्तार की हर समय जानकारी थी लेकिन शेयरधारिता करार के पक्ष के रूप में उसने कोई पुख्ता योजना या प्रस्ताव पेश नहीं किया।
पत्र में कहा गया है, ‘‘आपका रवैया ‘दिखावटी’ था, आपकी ओर से कोई गंभीर या उचित प्रयास कभी नहीं किया गया। इस बारे में संपर्क करने पर अमेजन के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह कहना सही नहीं है कि अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लि. को मदद की पेशकश नहीं की। भागीदारों के साथ एक तरफ कई विकल्पों पर विचार-विमर्श चल रहा था, वहीं दूसरी ओर फ्यूचर के प्रवर्तकों के साथ भी बातचीत जारी थी।”
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