
नयी दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट एक प्रकार से ‘कोमा’ वाली है, जो थोड़े समय के लिए ही होता है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन रंगराजन ने दक्षिण इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘सिक्की-360’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘चिकित्सकीय भाषा में कोमा कई साल तक रहता है लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो इससे काफी कम समय में बाहर निकल आते हैं। यह छोटे समय का कोमा होता है। मुद्दे की बात यह है कि जैसे आप धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाएंगे, आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी।’
एक सवाल पर रंगराजन ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने लगे है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह अच्छा रहा है। बिजली की खपत बढ़ रही है।’ वित्त मंत्रालय के अनुसार अक्तूबर में जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपए हो गया। फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।’
यह आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत है। इसे अधिक स्पष्ट करते हुए रंगराजन ने कहा कि, ‘सितंबर की शुरुआत से मार्च तक आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। लेकिन इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी।’ उन्होंने कहा कि यदि कोविड-19 की दूसरी लहर नहीं आती है, तो 2021-22 के अंत तक अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी।
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