
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधान सभा के मानसून सत्र शुरु होने से पहले मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों के बिना पूर्व अनुमति लिये आयोजित किये गये पैदल मार्च पर तंज कसते हुए कहा कि सपा से नियमों का पालन करने या शिष्टाचार को मानने की अपेक्षा करना कल्पना से परे है।
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी विधायकों ने मंहगाई और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर आज सुबह सपा कार्यालय से विधान सभा तक पैदल मार्च किया। पुलिस ने इसकी पूर्व अनुमति नहीं लिये जाने के कारण कानून व्यवस्था का हवाला देकर सपा विधायकों को राजभवन से आगे बढ़ने से रोक दिया।
विधान सभा में मानसून सत्र की कार्यवाही शुरु होने से पहले योगी ने संवाददाताओं से कहा, “सपा से ये उम्मीद करना कि वो किसी नियम को मानेंगे, किसी शिष्टाचार को मानेंगे, यह एक कपोल कल्पना की बात ही कही जा सकती है।” उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के 25 करोड़ लोगों के हितों के लिए डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को शासन की योजानाओं का लाभ पहुंचा रही है। विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी यहां अभाव और अराजकता के लिए जगह नहीं है।
गौरतलब है कि विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल सपा के सदस्यों की गैर मौजूदगी में ही सदन की बैठक पूर्व निर्धारित समय से प्रारंभ हुयी। इस दौराप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाल ही में दिवंगत हुए सदस्य अरविंद गिरि को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। योगी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने गिरि के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान सदन में योगी सहित भाजपा के सदस्यों के अलावा विपक्षी दल रालोद, कांग्रेस, सुभासपा और बसपा के सदस्य मौजूद रहे। दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान लगभग 25 मिनट तक सदन की बैठक चलने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिये स्थगित कर दी गयी।
इस बीच सपा सदस्योंं के पैदल मार्च पर चुटकी लेते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा जिसे पैदल मार्च कह कर विरोध प्रदर्शन कर रही है, वह जनता के हितों से जुड़ा ही नहीं है। विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से मौर्य ने कहा कि सपा जिसे ‘पैदल मार्च’ का नाम देकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, वो जनता के हितों से जुड़ा हुआ है ही नहीं। अगर उन्हें जनता से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है, तो वह सदन में करनी चाहिये, जिससे कि वह सदन की कार्यवाही का हिस्सा बने। सरकार, हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी सपा के प्रदर्शन को अराजक तत्वाें का मनोरंजन करार दिया। पाठक ने कहा कि सपा का अब उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है, जनता ने उन्हें 04 चुनावों में नकार दिया है। सपा अध्यक्ष ने अराजक तत्वों का मनोरंजन किया है। उनके मार्च से किसी को कोई फायदा नहीं होगा।
विधान सभा चुनाव के बाद सपा गठबंधन से अलग हुए सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी अखिलेश पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा ने पिछड़ों को उनका हिस्सा नहीं दिया है। सपा सरकार में गरीबों की जमीन लूटी गयीं। जब सपा की सरकार चली जाती है, तो वे आंदोलन की रिहर्सल करते हैं। यही वजह है कि सपा से अति पिछड़ी जातियां नफरत करती हैं। सपा प्रमुख अखिलेश को संसदीय परंपराओं की मर्यादा सीखने की नसीहत देते हुए राजभर ने कहा कि विरोधियों के प्रति नफरत का भाव सपा को बर्बाद कर देगा।