
नयी दिल्ली:- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के शुभारंभ में शामिल होने एम्स,नयी दिल्ली पहुंचे। इस अवसर पर एम्स के डॉक्टर एवं टीका लगवाने वाले लाभार्थी भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना टीकाकरण अभियान की वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये शुभारंभ किया। श्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान के लिए पूरी तैयारी की गयी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि टीका लगते ही असावधानी न बरतें। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। दुनिया में 100 से अधिक देश ऐसे हैं, जहां की आबादी तीन करोड़ से भी कम है और भारत में पहले ही चरण में इतनी बड़ी आबादी को टीका लगाया जाना है। इसके बाद अन्य 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जायेगा और दुनिया के मात्र तीन देश ही ऐसे हैं , जहां आबादी 30 करोड़ से अधिक है। ये तीन देश भारत, चीन और अमेरिका हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों की पूरी दुनिया में विश्वनीयता है। भारत ने अपने ट्रैक रिकॉर्ड से यह भरोसा हासिल किया है।प्रधानमंत्री ने कहा,“ भारत के सामर्थ्य और भारत की वैज्ञानिक दक्षता और कौशल का जीता- जागता सबूत है, इतने कम समय में कोरोना वैक्सीन का निर्माण। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था ‘ मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।”
उन्होंने कहा,“ भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। जिन्हें, कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, उन्हें सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। डॉक्टर हैं, नर्स हैं, अस्पताल में सफाईकर्मी हैं, मेडिकल और पैरामेडिकल कर्मचारी हैं, वे कोरोना वैक्सीन के सबसे पहले हकदार हैं, चाहे वे सरकारी में हों या निजी में। सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी।”
श्री मोदी ने कहा,“ इसके बाद उन लोगों को टीका लगाये जायेगा, जिन पर जरूरी सेवाओं या देश की रक्षा या कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, जैसे सुरक्षाकर्मी, पुलिसकर्मी और अग्निशमन दल या सफाईकर्मी, इन सभी को वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। इन सबकी संख्या करीब-करीब तीन करोड़ होती है और इनके टीकाकरण का खर्च भारत सरकार वहन करेगी।”
उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण अभियान की पुख्ता तैयारियों के लिए राज्य सरकार के सहयोग से देश के कोने-कोने में ट्रायल किये गये हैं, ड्राई रन हुए हैं और विशेष तौर पर बनाये गये कोविन ऐप में टीकाकरण के लिए पंजीकरण से लेकर ट्रैकिंग तक की व्यवस्था है।
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