जयपुर:- राजस्थान विधानसभा में गो वंश में फैली लंपी स्किन बीमारी के मामले को लेकर आज चर्चा हुई।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने सदन में इस मामले पर चर्चा का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि देश में लंपी रोग वर्ष 2019 उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल में फैला। इसके बाद वर्ष 2020 गोवा, असम , कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों और वर्ष 2021 में दिल्ली में कुछ स्थानों, राजस्थान के हनुमानगढ़, झुंझुनूं, बांसवाड़ा, जयपुर, झालावाड़ एवं भरतपुर में यह बीमारी फैली लेकिन इसका बहुत कम असर था और नुकसान नहीं था।
उन्होंने बताया कि गत अप्रैल में जैसलमेर, मई एवं जून में बीकानेर संभाग, अगस्त में कोटा संभाग सहित राज्य के बारां जिले को छोड़कर 32 जिलों में गो वंश में यह बीमारी फैल गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सजग है और कोविड की भांति लंपी से लड़ने का काम किया जा रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने समय रहते हुए गायों को बचाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। उन्होंने कहा कि समय पर व्यवस्था हो जाती तो प्रदेश में लाखों पशु बच जाते।
उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार को इसे राज्य आपदा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवंश को बचाने के लिए भाजपा विधायक दल सरकार के साथ खड़ा है।
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंपी बीमारी परनियंत्रण के लिए विधायकों को आगे आने की पहल की और विधायकों ने इसमें मदद की। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेन्टर खोलने चाहिए। उन्होंने मांग की किप्रत्येक तहसील में चिकित्सा मोबाइल यूनिट शुरु करे ताकि घूम घूमकर गायों का इलाज किया जा सके।
चर्चा की शुरुआत विधायक ज्ञानचंद पारख ने की और इसमें विधायक मदन प्रजापत, गिरधारी लाल विश्नोई, किशनाराम विश्नोई सहित अन्य कई विधायकों ने भाग लिया।

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