
जैविक खेती के साथ कर रहे हैं गाय व मत्स्य पालन
राँची:- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 15 अगस्त की शाम 7 बजकर 29 मिनट पर सन्यास लेने की घोषणा के काफी पहले महेंद्र सिंह धोनी अपने भविष्य की तैयारी कर चुके थे। टेस्ट क्रिकेट से अलग होने के बाद से ही धोनी को जब भी रांची में रहने का मौका मिल रहा था, तो वे अपने फार्म हाउस में पपीता, आम-अमरुद, तरबूज,खीरा, गोभी, स्वीट कॉर्न और अन्य सब्जियों की जैविक खेती के साथ ही गौ पालन और मत्स्य पालन भी कर रहे हैं। इसके अलावा धोनी की ओर से युवा खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट अकादमी स्थापित कर प्रशिक्षण देने की भी योजना बनायी है, लेकिन वे अपनी इस योजना को अभी अमलीजामा नहीं पहना पाये है।
विश्व कप 2019 के बाद क्रिकेट से दूर चल रहे महेंद्र सिंह धोनी ने रांची में आर्गेनिक खेती की शुरुआत की। धोनी ने रांची के सिठियो की 43 एकड़ भूमि पर जैविक खेती शुरू की है। कई मौके पर वे खुद ट्रैक्टर चलाकर जुताई करते भी नजर आते है, तो कभी बीज बोते हुए लोग उन्हें देख सकते है। तकनीकी कौशल के लिए धोनी ने मैत्री फाउंडेशन की एक टीम को अपने सहयोग के लिए रखा है। इस टीम के संचालनकर्ता सचिन कुमार ने बताया कि माही जिस गंभीरता और तल्लीनता के साथ खेती की बारीकियों को समझते हैं, वह अद्भूत है, वहीं उनके सवाल से टीम के लोग भी अचरच में पड़ जाते हैं। माही ने अपने 43 एकड़ के फॉर्म हाउस में पपीता, फूलगोभी व बंदगोभी, खीरा, स्वीट कॉन्र, तरबूज, आम और अमरुद के अलावा धान की भी खेती शुरू की है। आईपीएल के लिए चेन्नई रवाना होने के पहले लॉकडाउन में कोई ऐसा दिन नहीं होगा, जब माही ने इन पौधों के साथ वक्त न गुजारा हो।
कैप्टन कूल के फॉर्म हाउस में साहिवाल नस्ल की 70गायें डेयरी की शोभा बढ़ा रही है। जल्द ही इनकी संख्या 150 करने की है। इसके अलावा दो तालाब भी बनाये गये हैं,जहां मछलियां पाली जा रही है। मुर्गी और बत्तख के लिए शेभी बनाये गये हैं।
More Stories
अप्रैल के अंत तक झारखंड में पंचायत चुनाव संभव, झारखंड सरकार ने शुरू की तैयारी
Corona Vaccine पर उड़ाई अफवाह तो खैर नहीं, आपदा अधिनियम के तहत होगी कड़ी कार्रवाई
विश्व का सबसे बड़ा और सस्ता टीकाकरण अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंःजफर इस्लाम