
पटनाः- बिहार विधान परिषद के कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक के जारी फरमान को तुगलकी बताते हुए कहा कि राज्य में ऐसे आदेश का दुरुपयोग हो सकता है। प्रेमचंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वस्थ आलोचना तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सभी को है तथा कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि बिहार सरकार ने ऐसे फरमान जारी कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि सोशल मीडिया में सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अधिकारियों की आलोचना करने पर अब कार्रवाई की जाएगी जो अपने आप में अलोकतांत्रिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की नजर में किसी के विरुद्ध अभद्रतापूर्ण टिपणियां करना अनुचित है चाहे वह साधारण व्यक्ति ही क्यों ना हो तथा इस प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए लेकिन सरकार में शामिल मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों के जनविरोधी कदमों का वीरोध तथा असहमति प्रकट करते हुए आलोचना शालीनता पूर्वक करना सर्वथा उचित है। विधान पार्षद ने कहा कि सरकार से यह जानना चाहा कि ऐसे कदमों के पीछे कहीं अपनी विफलताओं को ढंकने और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश तो नहीं है? उन्होंने सरकार से ऐसे फरमान को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए बताया कि यदि ऐसे आदेश वापस नहीं लिए जाते हैं तो इसके पहले शिकार कहीं गिरिराज सिंह और सुशील कुमार मोदी जैसे नेता ना हो जाएं क्योंकि इन दोनों ने लगातार कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेताओं के विरुद्ध अभद्रतापूर्ण, अमर्यादित तथा निम्न स्तर की टिपणियां की है। मिश्रा ने कहा कि जहां एक ओर अपराध नियंत्रण करने में राज्य की पुलिस विफल साबित हो रही है और अब उस पुलिस को सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए लगा देना अपने आप मे हास्यास्पद के सिवा कुछ नहीं है।
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