
पटनाः- कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा नीत राजग में बहुत दबाव में होने का दावा करते हुए रविवार को उन्हें सुझाव दिया कि उन्हें महागठबंधन में वापस लौटकर ‘‘स्वतंत्र” होकर राज्य के विकास के लिए काम करना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा द्वारा रविवार को दिए गए उक्त बयान को हालांकि प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद ने तुरंत खारिज किया और कहा कि यह आधिकारिक बयान नहीं है। शर्मा ने पिछले हफ्ते नीतीश और पत्रकारों के बीच हुई तकरार का जिक्र करते हुए उक्त टिप्पणी की और कहा,‘‘ वह इस तरह का व्यवहार कभी नहीं करते हैं। हम सब जानते हैं कि वह स्पष्ट रूप से राजग में बहुत दबाव में है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सर्वविदित है कि उनपर सभी महत्वपूर्ण… गृह विभाग जो वह अपने पास रखे हुए हैं, को भी छोड़ने का दबाव है। लगभग एक महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान, जो भाजपा में नीतीश के आलोचक रहे हैं, ने कहा था कि मुख्यमंत्री को गृह विभाग छोड़ देना चाहिए। पासवान ने हालांकि अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह इस बात पर जोर नहीं दे रहे थे कि उक्त विभाग जो पुलिस को नियंत्रित करता है, भाजपा को दिया जाए बल्कि नीतीश इस विभाग के मंत्री के तौर पर अपनी पार्टी जदयू में से अधिक ऊर्जावान किसी सहयोगी को चुन सकते हैं। वर्तमान में बिहार में राजग में चार दल शामिल हैं जिनमें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। शर्मा ने कहा कि महागठबंधन नीतीश कुमार का पुराना घर है ,यदि वह वापस लौटने का विकल्प चुनते हैं तो वह राज्य की प्रगति के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगे। नीतीश ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग से नाता तोड़कर अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाते हुए महागठबंधन का गठन किया था जिसमें जदयू और राजद के साथ साथ कांग्रेस भी शामिल थी। हालांकि राजद के साथ मतभेदों के कारण नीतीश ने जुलाई 2017 में महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नई सरकार बना ली थी।
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