
देवघर:- उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में देवघर जिला अन्तर्गत टीवी रोग को जड़ से समाप्त करने के उदेश्य से जिला समन्वय समिति की बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा पूर्व में किये गये कार्यों व वर्तमान में किये जा रहे कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया। साथ हीं आपसी समन्वय स्थापित करते हुए बेहतर तरीके से कार्य करने की बात कही।
बैठक के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने जिला वासियों से आग्रह करते हुए कहा कि एक जागरूक नागरिक होने के नाते आप सभी से निवेदन है की अगर आपके आस पास या फिर आपको दो सप्ताह से अधिक लगातार खांसी हो रही है। तो इसकी जाँच करवाए। ये जाँच किसी भी सरकारी अस्पताल में बिल्कुल फ्री है। अगर टीबी की शिकायत पाए जाती है तो घबराए नहीं, नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाई लेते रहे। उपायुक्त द्वारा आगे बतलाया गया कि पूरे देश में मौत का सबसे बड़ा कारण यक्ष्मा है। लोगो को जब सामान्य खाँसी होती है, तो उस पर वे ध्यान नहीं देते है और वही खाँसी आगे चलकर यक्ष्मा का रूप ले लेता है। अतः आवश्यक है कि इसके लक्षणों का पता लगाया जाए एवं समय रहते उसका उचित उपचार कराया जाय।
इसके अलावा समीक्षा के क्रम में उपायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि इस संबंध में लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जाय एवं उन्हें यह बताया जाय कि ये ला-इलाज बीमारी नहीं है। डॉट्स के माध्यम से इसका इलाज संभव हैं। बस आवश्यक है कि अधिक दिनों तक खाँसी रहने पर आप अपने बलगम का जांच कराये एवं संक्रमण का पता चलन के साथ हीं तुरंत उसका उपचार कराये। साथ हीं उन्होंने आगे बताया कि टीबी बीमारी चिन्हित हो जाने पर रोगी के ईलाज के दवाई सहित सभी खर्च सरकार वहन करेगी अर्थात रोगी का ईलाज बिल्कुल मुक्त होगा। इतना हीं नहीं रोगी के ईलाज होने तक रोगी को प्रत्येक माह 5 सौ रूपये सहयोग राशि के रूप में दी जायेगी जिससे वे अच्छी खान-पान से जल्द स्वस्थ हो सके। सरकार का लक्ष्य इन बीमारियों का केवल नियंत्रण हीं नहीं बल्कि पोलियों की तरह जड़ से उन्मूलन है। उन्होंने जानकारी दी कि टीबी बीमारी के बारे में भारत को पूरी दुनिया में ग्लोबल कैपिटल कहा जाता है। यहां पूरे दुनिया के टीबी रोगियों की संख्या का 27 प्रतिशत पाये जाते है और इस बीमारी से मरने वालों में कुल संख्या का 32 प्रतिशत सिर्फ भारत में होते हैं। उन्होंने इसके कारणों के बारे में बताया कि पर्यावरण प्रदुषण, कुपोषण, खराब दिनचर्या इसके प्रमुख कारक हैं। यह दोनों बीमारी बैक्ट्रिया जनित है।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, ताकि जनजागरूकता में मदद मिल सके। इसी प्रकार पंचायती राज विभाग भी अपने स्तर से सभी मुखिया को सहयोग करने हेतु अनुरोध करें। इसके अलावे उपायुक्त ने कहा कि यदि हम संकल्प ले तो वो दिन दूर नहीं जब पोलियों की तरह इन दोनों बीमारियों को भी हम समूल नष्ट कर पायेंगे। साथ हीं उपायुक्त जिला अन्तर्गत् कुल 1600 एक्टिव केस के पूर्ण निगरानी व बेहतर इलाज को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निदेश दिया।
बैठक में उपरोक्त के अलावे सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार, डब्ल्यू एच ओ के एसएमओ ध्रुव महाजन, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ विधु, डॉ मनीष, डीपीएम नीरज कुमार, सभी प्रखण्डों के सीडीपोओ, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, स सभी प्रखंड के एम0ओ0आई0सी0 एवं संबंधित अधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
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