चतरा:- चतरा शहर के रिहायसी इलाकों में सुमार विकास भवन-कचहरी परिसर के समीप संचालित फुटपाथ दुकानों पर इन दिनों तंत्र का कहर टूटा है। नगर परिषद द्वारा दुकान संचालित भूमि को सरकारी भूमि बताकर दुकानदारों को अविलंब जमीन खाली करने के जारी निर्देश से हड़कंप मच गया है। फुटपाथ पर संचालित सभी होटलों और छोटे-बड़े दूकानों को तोड़कर आनन-फानन में हटाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि दुकानों को नगर परिषद द्वारा तोड़ा जा रहा है। परिषद कार्यालय द्वारा अविलंब जमीन को खाली करने के दुकानदारों को जारी निर्देश के बाद सदमे के दौर से गुजर रहे दुकानदार खुद अपने हाथों से अपनी कमाई का एकमात्र जरिया दुकानों को तोड़ कर हटा रहे हो। जिससे दुकानदारों को दोहरी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। दुकान संचालकों का आरोप है कि नगर परिषद प्रबंधन द्वारा बगैर पूर्व नोटिस जारी फतवा से उन्हें दोहरा आर्थिक चोट पहुंचा है। एक ओर जहां विगत एक वर्षों से वे लॉक डॉन और वैश्विक महामारी का दंश झेल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जब दुकानें खुली और लोगों का आर्थिक स्रोत जागा है तो नगर परिषद प्रबंधन के निर्देश से वे हलकान है। गौरतलब है कि विकास भवन के समीप स्थित जमीन पर नगर परिषद द्वारा दिल्ली मार्केट निर्माण योजना स्वीकृत की गई है। इस बाबत परिषद के अधिकारियों ने सभी दुकानदारों को जमीन खाली करने का नोटिस भेजा है।
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