रांची:- झारखंड के
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद ग्रामीण गरीब आबादी को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से लाभ पहुंचा कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का कार्य एक सप्ताह के अंदर शुरू हो चुका है।
श्री सोरेन के आदेश के बाद गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित उपयोजना के तहत लाभुकों के तहत मिलने वाले अनुदान में संशोधन कर पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब आपदा, आगलगी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को 90 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिया जाएगा। इससे पूर्व तक 50 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिया जा रहा था।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सिर्फ गव्य पालन के तहत मिलने वाले अनुदान में संशोधन नहीं किया गया है अपितु पशुपालन निदेशालय द्वारा संचालित योजनाएं यथा बकरा पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट पालन, बायलर कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन में असहाय विधवा महिला, दिव्यांग, निःसंतान दंपत्ति को छोड़कर अन्य सभी वर्गों को 75 प्रतिशत अनुदान पर योजना का लाभ दिया जाएगा। इससे पूर्व तक 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था थी। कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत मिनी डेयरी के जरिए पांच दुधारू गाय/भैंस वितरण और मिडी डेयरी के जरिए मिलने वाले दस गाय और भैंस वितरण योजना के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को जहां पूर्व में 33.33 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होता था, उसे बढ़ा कर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।