
नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने कुछ सरकारी बैंकों द्धारा बैंकिंग सर्विसेज के लिए सेवा शुल्क बढ़ाया जाने वाली अटकलों पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि 60 करोड़ से अधिक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट पर किसी तरह का सेवा शुल्क नहीं लिया जाता है।
जनधन खातों में कोई भी सेवा शुक्ल लागू नहीं
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बैंक की ओर से जनधन खातों में कोई भी सेवा शुक्ल लागू नहीं होता है। वहीं नियमित बचत खाते, चालू खाते, नकद उधार खातों और ओवरड्राफ्ट खातों में भी ऐसा कोई शुल्क नहीं बढ़ाया गया है। सरकार के मुताबिक 60.4 करोड़ बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट जिसमें 41 करोड़ से ज्यादा जन धन खाते हैं, पर रिजर्व बैंक के द्वारा मुफ्त सेवाओं में शामिल सेवाओं पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगाया गया है।
नकद जमा और निकासी में कुछ परिवर्तन किए
हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 नवंबर, 2020 से प्रति माह मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ परिवर्तन किए थे। बैंक ने नकज जमा राशि और निकासी की सीमा प्रति माह पांच से घटाकर तीन कर दी है, जिसमें इन मुफ्त लेनदेन से अधिक लेनदेन के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने जानकारी दी कि कोविड से जुड़ी स्थिति को देखते हुए उन्होंने इन परिवर्तनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
जानें शुल्क में बढोतरी पर नियम
वित्त मंत्रालय द्वारा साफ किया गया है भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पीएसबी सहित सभी बैंकों को उचित, पारदर्शी और भेदभावरहित तरीके से अपनी सेवाओं के एवज में इस पर आने वाले लागतों के आधार पर शुल्क लगाने की अनुमति है। फिर भी सरकारी बैंक संकेत दे चुके हैं कि कोरोना संकट की वजह से भी निकट भविष्य में शुल्क नहीं बढ़ाएंगे।
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