
नयी दिल्ली:- उच्चतम न्यायालय ने प्रवचनकर्ता आसाराम बापू के आपराधिक मामलों पर आधारित पुस्तक ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन’ के प्रकाशन के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संचिता गुप्ता की ओर से दायर अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह अपनी शिकायत लेकर पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जायें। याचिकाकर्ता को नाबालिग के साथ दुष्कर्म से संबंधित एक मामले में आसाराम की सहयोगी के तौर पर दोषी ठहराया गया था। न्यायालय ने कहा कि वह अपनी याचिका वापस ले लें और पहले उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी अर्जी लगायें। याचिकाकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें उसने हार्पर कॉलिन्स की पुस्तक ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन’ के प्रकाशन पर जिला अदालत की ओर से लगायी गयी एकतरफा रोक हटा दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को फिल्मी अंदाज में दरकिनार कर दिया था। उन्होंने कहा कि संबंधित पुस्तक में उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ किया गया है। पुस्तक में उनके मुवक्किल को आसाराम के लिए लड़की की व्यवस्था करने के धंधे में लिप्त महिला के रूप में दर्शाया गया है। न्यायालय ने कहा कि वह अपनी फरियाद लेकर उच्च न्यायालय के पास जायें।
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