
रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डा राजेश गुप्ता छोटू भाजपा विधायक केदार हाजरा और शशि भूषण मेहता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूरे कोरोना संक्रमण काल और लॉक डाउन की अवधि में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में ताला लटका हुआ रहा और पार्टी के नेता चिट्ठी लिखने और घर में मक्खन रोटी खाकर अनशन करने का नाटक करते रहे। उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के साथ बरते जा रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाये।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार बनने के दो-तीन महीने बाद ही पूरे देश में लॉकडाउन लागू हो गया, इस दौरान आज के सरकारी अस्पतालों में ना तो कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध थी और ना ही वेंटीलेटर और अन्य चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध थे। ऐसी परिस्थिति में सबसे पहले स्वास्थ विभाग की ओर से हर प्रमंडलीय ही नहीं बल्कि जिला और प्रखंड मुख्यालयों तक में भी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई, अस्पतालों में वेंटिलेटर और अत्याधुनिक स्वास्थ उपकरण उपलब्ध कराए गए जिसके कारण राज्य के किसी भी हिस्से में कोरोना संक्रमण को लेकर कोई अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ही केंद्र सरकार की ओर से डीवीसी के बकाया भुगतान के नाम पर झारखंड सरकार के खाते से सैकड़ों करोड़ रुपये काट लिए गए। खाद्यान्न के नाम पर भी मामूली सी सहायता उपलब्ध कराई गई इसके बावजूद खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में राज्य के हर गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक निशुल्क अनाज उपलब्ध कराया गया। कोरोना काल में जिस तरह से प्रवासी श्रमिकों के लिए हाईवे पर किचन की व्यवस्था की गई और प्रतिष्ठानों में भी दाल भात केंद्र की व्यवस्था की गई उसकी देश-दुनिया में सराहना हुई।
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में झारखंड सरकार की ओर से प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर उठाए गए कदम कि देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सराहना हुई। गरीब मजदूरों को भी राज्य सरकार ने हवाई जहाज से घर वापस लाने का काम किया। धन वापस लाने के बाद उन्हें ग्राम पंचायत में ही मनरेगा समेत ग्रामीण विकास की अन्य योजनाओं के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराने का काम किया गया।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले भाजपा नेताओं को मंच पर शशिभूषण मेहता जैसे दागी व्यक्तित्व को बैठाकर नैतिकता की बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड की जनता ने यह देखा है कि कोरोनावायरस में कांग्रेस पार्टी और गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से किस तरह से जनसेवा का कार्य किया गया और उस दौरान भाजपा नेताओं का व्यवहार कैसा रहा किया यह भी सभी ने देखा है। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार एक ओर जहां जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि देने में आनाकानी कर रही है वहीं दूसरी ओर डीवीसी के बकाया भुगतान के एवज में अब तक 2100 करोड़ से अधिक की राशि झारखंड सरकार के खाते से जा चुकी है।
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