भागलपुर:- बिहार के भागलपुर शहर में आज आयुष्मान आरोग्य कार्यक्रम के तहत एक सौ से अधिक बच्चों को स्वर्णप्राशन की खुराक जानेमाने वैद्य श्याम सुंदर शर्मा के नेतृत्व में दी गई।
भागलपुर के प्रख्यात वैध श्याम सुंदर शर्मा ने गुरुवार को यहां बताया कि स्वर्णप्राशन शून्य से 16 साल की उम्र के बच्चों को दिया गया। यह पुष्य नक्षत्र में ही बच्चों को देना लाभकारी माना गया है। बुधवार को पुष्य नक्षत्र का योग था। अब इस साल 18 अक्तूबर को यह योग बन रहा है। उस रोज भी बच्चे सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आकर खुराक ले सकते है। यह बिल्कुल मुफ्त दी जाती है।
श्री शर्मा ने बताया कि स्वर्णप्राशन एक आयुर्वेदिक औषधि हैं। जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा और बुद्धि को बढ़ाती है। बच्चों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वर्णप्राशन को सोलह विशिष्ट संस्कारों में से एक माना जाता है। बच्चों में स्वर्णप्राशन को प्रारंभिक अवस्था में ही अपनाना चाहिए। यह बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। बच्चों के मस्तिष्क विकास और सर्वांगीण विकास के लिए अनूठी गुणकारी औषधि है। यह औषधि मधु, गाय के घी या औषधीय घृत (ब्राह्मी घृत) के साथ मिश्रित स्वर्ण भस्म से तैयार किया जाता है। इस औषधि को बनाने में कम से कम आठ से दस घंटे लगते है। फिर धन्वंतरि देवता के सामने रख विधिपूर्वक पूजन के बाद सेवन योग्य बनाया जाता है।
वैध श्री शर्मा ने बताया कि यह औषधि 24 कैरेट स्वर्ण से बनाई जाती है। इसमें 99.0 फीसदी स्वर्ण कण होते है। रसशास्त्र के शास्त्रीय ग्रन्थों में इसके निर्माण की कई विधियों का उल्लेख है। बच्चों को इस औषधि की खुराक जरूर पिलानी चाहिए। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

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