
नयी दिल्ली:- गुवाहाटी, जयपुर और त्रिवेंद्रम् हवाई अड्डों का प्रबंधन अडाणी समूह को सौंपने के लिए आज रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। इसके साथ ही हवाई अड्डों के निजीकरण के पहले चरण के तहत छह हवाई अड्डों को अडाणी समूह को सौंपने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने आज यहां अडाणी गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड, अडाणी जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड और अडाणी तिरुवनंतपुरम् अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के साथ तीन अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किये। तीनों अडाणी हवाई अड्डा लिमिटेड की इकाई हैं। प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह की मौजूदगी में एएआई के कार्यकारी निदेशक एन.वी. सुब्बारायडू और अडाणी हवाई अड्डा लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बेहनाद जान्दी ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये। रियायत समझौते के 180 दिनों के भीतर तीनों हवाई अड्डों का प्रबंधन अगले 50 साल के लिए अडाणी समूह को सौंप दिया जायेगा। पहले चरण के तहत छह हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए बोली लगाई गई थी। सभी छह हवाई अड्डों का आवंटन अडाणी समूह को किया जाना था। इनमें अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डे पहले ही कंपनी को सौंपे जा चुके हैं।
अडाणी समूह गुवाहाटी हवाई अड्डे पर प्रति घरेलू यात्री 160 रुपये और प्रति अंतर्राष्ट्रीय यात्री 320 रुपये एएआई को देगा। इसी प्रकार जयपुर और त्रिवेंद्रम् हवाई अड्डों पर वह प्रति घरेलू यात्री क्रमश: 174 और 168 रुपये तथा प्रति अंतरराष्ट्रीय यात्री क्रमश: 348 और 336 रुपये देगा। घरेलू यात्रियों के लिए दी जाने वाली राशि में खुदरा मूल्य सूचकांक के आधार पर सालाना बदलाव होगा।
श्री सिंह ने रियायत समझौते पर हस्ताक्षर के मौके को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि रियायत शुल्क के रूप में मिलने वाली राशि का इस्तेमाल दूसरे छोटे हवाई अड्डों के रखरखाव और विकास के लिए किया जायेगा। साथ ही नये हवाई अड्डे बनाने और क्षेत्रीय संपर्क योजना की उड़ानों को वित्तीय मदद के लिए भी यह राशि उपयोगी होगी।
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