ग्रामीण विकास विभाग की 76.44 अरब की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित
रांची:- झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवं दिन आज ग्रामीण विकास विभाग की 76 अरब 44 करोड़, 52 लाख रूपये से अधिक की अनुदान मांग को भाजपा सदस्यों के बहिर्गमन के बीच मंजूरी प्रदान कर दी गयी। इसके साथ ही भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी द्वारा लाये गया गया कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया।
भोजनावकाश के बाद अनुदान मांग पर चर्चा की शुरूआत करते हुए श्री चंद्रवंशी ने कहा कि यदि सरकार विधायक मद की राशि को बढ़ाकर दस करोड़ रूपये कर दें, तो वे कटौती प्रस्ताव वापस ले लेंगे। वहीं सरकार की ओर से जवाब दे रहे ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वे अपने विधायक कोष से ही यदि दो करोड़ रूपये की राशि वापस देते है, तो विभाग से उनकी योजनाओं को पूरा करा दिया जाएगा। श्री आलम ने कहा कि सरकार की ओर से सभी विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों की अनुशंसा पर चालू वित्तीय वर्ष में आठ से बारह किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण कराया जाएगा, वहीं अगले वित्तीय वर्ष में भी दस किलोमीटर सड़क की मरम्मति और सुदृढ़ीकरण का काम विभाग की ओर से कराया जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्र्रमण काल में भी झारखंड सरकार ने बेहतरीन काम किया। लोगों की जान माल की सुरक्षा के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया और अब विकास योजनाओं को गति देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वीर शहीद पोटो योजना के तहत सभी पंचायतों में खेल मैदान बनाने का निर्णय लिया गया है, पहले वर्ष इस योजना के 1912 पंचायतों में खेल मैदान बनाने का काम चल रहा है, उसके अलावा बिरसा उद्यान योजना के तहत 2000 एकड़ में बागवानी का लक्ष्य रखा गया था, इसके विरूद्ध 2500 एकड़ में बागवानी किया जा चुका है। अनुदान मांग पर चर्चा में विधायक सीता सोरेन, ममता देवी, प्रदीप यादव, अमित यादव, विनोद कुमार सिंह, बैद्यनाथ राम और इरफान अंसारी ने हिस्सा लिया।
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